Swing Trading पाठ्यक्रम Course – Free Swing Trading course in hindi
स्विंग ट्रेडिंग ही क्यों –Swing trading course in hindi
आज के समय में स्विंग ट्रेडिंग स्टॉक मार्किट से पैसे कमाने का सबसे अच्छा विकल्प है, यह इंट्राडे, फ्यूचर आप्शन से ज्यादा अच्छा है. क्योकि प्रीमियम डीके(समय के साथ पैसे अपने आप कम हो जाना) और शेयरो को बेचने की कोई समय पाबन्दी नहीं होती और इसका फायदा हमे तब मिलता है जब मार्किट की डायरेक्शन हमारे विपरीत होती है और हमारे ट्रेंड के साथ हो तब भी.
अगर आप स्टॉक मार्किट के बारे में पहले से बहुत कुछ जानते है फिर भी आपको इस कौर्स से बहुत कुछ सिखने को मिलेगा, यहाँ आपको बेसिक से एडवांस लेवल तक कम्पलीट जानकारी मिलेगी, रोजाना धीरे धीरे कौर्स को हम आगे बढ़ाएंगे, हो सकता है आपको बेसिक पता हो और सीधे एडवांस स्ट्रैटजी के इच्छुक हो लेकिन अभी हम सभी के लिए शुरुआत से शुरू करेंगे,
एडवांस स्ट्रैटजी के समय हम स्टॉक कैसे ढूंढे, स्टॉक कैसे पता करे की स्टॉक उपर जायेगा या निचे और 100 से भी ज्यादा स्ट्रैटजी के बारे में बात करेंगे, इसके अलावा बुक की pdf नोट्स सब आपको अच्छे से सिखने का मौका मिलेगा. किस किस वेबसाइट के प्रयोग से स्टॉक ढूंड सकते है और बेकटेस्ट कैसे करते है आपको पूरी जानकारी मिलेगी, बस आपको हमसे जुड़े रहना है.
बहुत ज्यादा खर्च करके बहुत सारे लोगो के कौर्स देखे लेकिन वो संतुष्टि नहीं मिली, अंत में खुद से ही किसी एक स्ट्रैटजी को अपनाया और उसी को फोलो करना है. अगर आप भी परेशान हो चुके हो तो बने रहे मेरे साथ ये शेयर यही रहेंगे और मार्किट भी यही रहेंगी और अगर सिख जायेंगे तो फिर पैसे बनाना कोई बड़ी बात नहीं है. इसलिए धर्य से काम ले.
आइये शुरू करते है कुछ बेसिक स्टेप से डिटेल में सिखने के लिए आपको डिटेल में टॉपिक मिलते रहेंगे, आपको इस पोस्ट को बुकमार्क कर लेना है और डिटेल में टॉपिक के लिए पोस्ट के आगे बटन (क्लिक करे ) / आप्शन मिल जायेंगा.
विशेष ध्यान दे :- आजकल बहुत फेक वेबसाइट चल रही है जो इंस्टीटूसनल अकाउंट खुलवाते है और बताते है की आज ये 5% वाले शेयर है इसके लिए आपको अपने अकाउंट में कम से कम इतने रूपये रखने होगे, इसके अलावा 10 २० परसेंट वाले शेयर ब्लाक डील भी अप्लाई करवाते है, ऐसे अकाउंट वालो से दूर रहे.
अगर आपको अकाउंट बनाना है तो आप Angle One प्रयोग कर सकते है – रेफेर लिंक क्लीक करे
इसके अलावा Grow प्रयोग कर सकते है – रेफेर लिंक क्लीक करे
मै Angle One का प्रयोग ज्यादा करता हु इसके अलावा बाकि ब्रोकर के भी प्रयोग किये गये है ये कोई प्र्मोशन नहीं है कम्पनी से किसी प्रकार की कोई डील नहीं है.
Module 1: स्विंग ट्रेडिंग का परिचय | Introduction to Swing Trading
1.1 स्विंग ट्रेडिंग क्या है? | What is Swing Trading? स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां ट्रेडर/ निवेशक मार्केट की छोटी अवधि की हलचलों का उपयोग करते हैं, और यह एक दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक चल सकती है। इस विधि में ट्रेडर्स सामान्यतः चार्ट्स और तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करके बाजार के रुख का पूर्व अनुमान लगाते हैं और फायदा मिलने पर शेयर को बेच देते है. ऐसे ही छोटे छोटे प्रॉफिट से एक बड़ा प्रॉफिट बनाया जाता है.
1.2 स्विंग ट्रेडिंग के लाभ और हानि | Advantages and Disadvantages
लाभ:
टाइम फ्लेक्सिबिलिटी अथार्त समय की लचीलापन: स्विंग ट्रेडिंग पूर्ण दिन की ट्रेडिंग के बजाय समय का अधिक लचीलापन अथार्त समय की कोई विशेष पाबन्दी नहीं होती है, जिससे आप अन्य कार्यों में भी शामिल हो सकते हैं।
भावनात्मक दबाव कम: स्विंग ट्रेडर्स को ट्रेडिंग के लिए पूरे दिन सक्रिय रहने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे भावनात्मक तनाव कम होता है।
हानियाँ:
जोखिम: बाजार की अस्थिरता के कारण नुकसान का जोखिम होता है।
अधिक शुल्क: यदि आप अधिक बार ट्रेड करते हैं, तो ब्रोकर की फीस बढ़ सकती है।
Module 2: बाजार की बुनियाद | Market Basics
2.1 वित्तीय बाजारों की समझ | Understanding Financial Markets
बाजार के प्रकार: बाज़ार को सोच समझ कर चूज करे.
स्टॉक्स: कंपनियों के शेयर, जो उनकी संपत्ति और भविष्य के लाभ का प्रतिनिधित्व करते हैं।
फॉरेक्स: विदेशी मुद्रा बाजार, जहां एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा के लिए ट्रेड किया जाता है।
कमोडिटीज: जैसे सोना, तेल, और कृषि उत्पाद।
क्रिप्टोक्यूरेंसी: डिजिटल मुद्रा, जैसे बिटकॉइन और एथेरियम।
2.2 बाजार प्रतिभागी | Market Participants
रिटेल ट्रेडर्स बनाम संस्थागत ट्रेडर्स: Retail Trader Vs Institutional Traders
रिटेल ट्रेडर्स: व्यक्तिगत निवेशक जो अपने लिए ट्रेड करते हैं।
संस्थागत ट्रेडर्स: बड़े वित्तीय संस्थान, जैसे बैंक और हेज फंड, जो अधिक पूंजी और संसाधनों के साथ ट्रेड करते हैं।
बाज़ार की गतिशीलता: इन प्रतिभागियों की गतिविधियाँ बाज़ार के रुझान को कैसे प्रभावित करती हैं।
2.3 बाजार संरचना | Market Structure
बुल और बियर मार्केट: बाजार की दिशा को समझना महत्वपूर्ण है। बुल मार्केट में कीमतें बढ़ती हैं, जबकि बियर मार्केट में गिरती हैं।
बाजार चक्र:
अवसाद Depression: बाज़ार में जब कीमतें गिरती हैं तो उसे अवसाद कहते है।
सुधार Correction: अवसाद के बाद हमेशा कीमतें स्थिर होती हैं।
वृद्धि Rise: सुधार के बाद कीमतें बढ़ती हैं।
स्थिरता Stability: एक संतुलित अवस्था।
बाज़ार के चरणों को समझना: इन चरणों को पहचानने से ट्रेडर को अपनी एंट्री और एग्जिट की रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण मदद मिलती है।
Module 3: तकनीकी विश्लेषण की बुनियाद | Technical Analysis Fundamentals -Swing trading course in hindi
3.1 कीमत की क्रिया का मूल | Price Action Basics
कैंडलस्टिक पैटर्न: विभिन्न प्रकार के कैंडलस्टिक्स और उनके संकेतों को समझना, जैसे Doji, Hammer, और Engulfing patterns।
समर्थन और प्रतिरोध स्तर (सपोर्ट और रेजिस्टस लेवल ): ये स्तर कीमतों कहा तक गिर सकती है और टर्निंग पॉइंट्स के रूप में कार्य करते हैं।
Identifying Key Levels: चार्ट पेटर्न और सपोर्ट और रेजिस्टस लेवल की मदद से ट्रेड में एंट्री और एग्जिट का पता लगाया जा सकता है
3.2 तकनीकी संकेतक | Technical Indicators
मूविंग एवरेज:
SMA (Simple Moving Average): पिछले डेटा का औसत।
EMA (Exponential Moving Average): हाल के डेटा को अधिक महत्व देने वाला।
RSI (Relative Strength Index):ओवरबॉट और ओवर्सोल्ड स्थितियों का मूल्यांकन करने के लिए।
MACD (Moving Average Convergence Divergence): ट्रेंड के मोड़ का संकेत देता है।
बोलिंजर बैंड: मूल्य की अस्थिरता का आकलन करने के लिए।
Combining Indicators: ज्यादा सही जानकारी के लिए एक से ज्यादा इंडिकेटर का प्रयोग करना चाहिए.
3.3 चार्ट पैटर्न | Chart Patterns
प्रमुख चार्ट पैटर्न:
हेड और शोल्डर: संभावित रिवर्सल का संकेत।
डबल टॉप और बॉटम: ट्रेंड रिवर्सल का संकेत।
फ्लैग और पेनेंट: निरंतरता के संकेत।
Pattern Recognition: सही टाइम फ्रेम के साथ पेटर्न को पहचानना अच्छा प्रॉफिट दे सकता है.
Module 4: स्विंग ट्रेडिंग रणनीतियाँ | Swing Trading Strategies :
कुछ बेसिक स्ट्रैटजी के बारे में बात करते है डिटेल में जाने के लिए अलग से पोस्ट के लिंक आपको मिल जायेगा
4.1 ट्रेंड फॉलोइंग रणनीतियाँ | Trend Following Strategies
ट्रेंड की पहचान: ट्रेंड लाइनों और तकनीकी संकेतकों का उपयोग करके।
एंट्री और एग्जिट रणनीतियाँ: ट्रेंड के अनुसार कब खरीदें और बेचें।
Entry Points: Finding optimal entry points based on market analysis.
4.2 काउंटर-ट्रेंड रणनीतियाँ | Counter-Trend Strategies
रिवर्सल पैटर्न: संभावित विपरीत रुखों की पहचान करना।
जोखिम प्रबंधन: काउंटर-ट्रेंड ट्रेड में सुरक्षित रहने के लिए उपाय।
Risk Management Techniques: Setting appropriate stop-loss levels.
4.3 ब्रेकआउट ट्रेडिंग | Breakout Trading
ब्रेकआउट की पहचान: महत्वपूर्ण स्तरों का परीक्षण।
लक्ष्य सेट करना: ट्रेडिंग लक्ष्यों और स्टॉप का निर्धारण।
Using Volume: Analyzing volume trends to confirm breakouts.
4.4 गैप ट्रेडिंग | Gap Trading
गैप के प्रकार:
फुल गैप, पार्टियल गैप, और आम गैप।
गैप के लिए रणनीतियाँ: सही समय पर प्रवेश और निकासी।
Understanding Gaps: How gaps occur and their significance in trading.
Module 5: जोखिम प्रबंधन और मनोविज्ञान | Risk Management and Psychology- Swing trading course in hindi
5.1 जोखिम प्रबंधन का महत्व | Importance of Risk Management
स्थिति का आकार: सही मात्रा में निवेश कैसे करें।
स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफिट ऑर्डर: सुरक्षित ट्रेडिंग का महत्व।
Position Sizing: Calculating risk per trade to protect capital.
5.2 भावनात्मक अनुशासन | Emotional Discipline
भावनात्मक पूर्वाग्रह: ट्रेडिंग में भावनाओं का प्रभाव।
व्यवस्थित तरीके: भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए।
Maintaining Discipline: Techniques to stick to your trading plan.
5.3 जर्नलिंग और समीक्षा | Journaling and Review
ट्रेडिंग जर्नल रखना: पिछले ट्रेडों का विश्लेषण करना।
डेटा का उपयोग: क्या काम किया और क्या नहीं।
Continuous Improvement: Learning from past trades for better future performance.
Module 6: ट्रेडिंग योजना विकसित करना | Developing a Trading Plan- Swing trading course in hindi
6.1 ट्रेडिंग योजना के घटक | Components of a Trading Plan
लक्ष्य और उद्देश्य: आप क्या हासिल करना चाहते हैं।
एंट्री और एग्जिट मानदंड: स्पष्ट निर्देश बनाना।
Setting Clear Guidelines: Importance of having defined rules for trading.
6.2 रणनीतियों का बैकटेस्टिंग | Backtesting Strategies
महत्व: पुरानी डेटा पर रणनीतियों का परीक्षण।
उपकरण: बैकटेस्टिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग।
Backtesting Techniques: Evaluating historical performance to validate strategies.
6.3 योजना को अनुकूलित करना | Adapting the Plan
प्रदर्शन की निगरानी: कौन सी रणनीतियाँ काम कर रही हैं।
बाजार स्थितियों के अनुसार समायोजन: रणनीतियों में आवश्यक परिवर्तन।
Ongoing Assessment: Regularly revising your trading plan based on performance metrics.
Module 7: व्यावहारिक अनुप्रयोग और केस स्टडीज़ | Practical Application and Case Studies
7.1 लाइव ट्रेडिंग सत्र | Live Trading Sessions
अनुकरणीय ट्रेडिंग वातावरण: वर्चुअल ट्रेडिंग सिमुलेटर का उपयोग।
वास्तविक समय में निर्णय लेना: बाजार की स्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया।
Practical Trading Exercises: Engaging in simulated environments to hone skills.
7.2 सफल स्विंग ट्रेडों के केस स्टडीज़ | Case Studies of Successful Swing Trades
ऐतिहासिक ट्रेडों का विश्लेषण: क्या काम किया और क्यों।
सफल व्यापारियों के अनुभव: उनसे सीखना।
Analyzing Successful Trades: Learning from the successes and mistakes of others.
7.3 सामान्य गलतियाँ और उनसे कैसे बचें | Common Mistakes and How to Avoid Them
स्विंग ट्रेडिंग के सामान्य pitfalls:
आम गलतियों से बचने के उपाय।
भावनात्मक ट्रेडिंग से बचने की रणनीतियाँ:
मनोविज्ञान का महत्व।
Avoiding Common Errors: Strategies to recognize and mitigate typical trading mistakes.
Module 8: उन्नत विषय | Advanced Topics
8.1 स्टॉक कैसे ढूंढे | Options in Swing Trading
8.2 एंट्री और एग्जिट कैसे ले | Leveraging Technology
8.3 स्विंग ट्रेडिंग में विकल्प | Options in Swing Trading
विकल्पों का उपयोग करते हुए स्विंग ट्रेडिंग रणनीतियाँ: जोखिम प्रबंधन और लाभ।
विकल्पों के लाभ और सीमाएँ: समझदारी से विकल्पों का उपयोग।
Options Trading Basics: कॉल, पुट को समझना और वे स्विंग ट्रेडिंग को कैसे पूरक बना सकते हैं।
8.4 प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना | Leveraging Technology
ट्रेडिंग प्लेटफार्म और उपकरण: सही चयन कैसे करें।
एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग की बुनियाद: स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम का परिचय।
ट्रेडिंग में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना: बेहतर तरीके से एनालिसिस और विश्लेषण के लिए टूल और सॉफ़्टवेयर की खोज करना।
8.5 निरंतर सीखना | Continuous Learning
बाजार की खबरों के साथ अद्यतित रहना: महत्वपूर्ण समाचारों का प्रभाव।
आगे की शिक्षा के लिए संसाधन: वेबिनार, पुस्तकें, और ऑनलाइन कोर्स।
सूचित रहना: रणनीतियों को अनुकूलित करने के लिए समाचार और अनुसंधान का उपयोग करना।
अंतिम विचार और अगले कदम | Final Thoughts and Next Steps
अभ्यास और अनुकूलन का महत्व: खुद को लगातार सुधारना।
व्यक्तिगत ट्रेडिंग शैली विकसित करने के लिए प्रेरणा: अपनी रणनीति बनाना।
निरंतर सुधार पर जोर: एक कुशल व्यापारी बनने की यात्रा कभी समाप्त नहीं होती।
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